उड़ान
बंद है मन की खिड़कियाँ
ज़रा हवा के झोंके उधार दो
मुझे बारिशों को जीतना है
मेरे पंखों को इक उड़ान दो
मेरे गाँव की गलियाँ बदल जायेगी शहर की सड़कों में
छोटे छोटे डिब्बे जो बदल जायेंगे मीनारों में
इक बाग सजाना है उमीदों का
मुझे कुछ बीज उधार दो
अमावस है , काली घनी रात
पूर्णिमा बहुत दूर खड़ी
पर हाथों में लेकर दिया
मैं भी पथ पर चल पड़ी
खोजने जीत को
सुकूँ को, प्रीत को
बादलों के उपर से देखना है जहाँ मुझे
समन्दर की गहरायीओं से भी नीचे जाना है मुझे
मन में निश्चय है
मंज़िल बस विजय है
बस कुछ वक़्त उधार दो
मुझे मेरी उड़ान दो,
#lotus
#feature