उम्र के किसी उस राह पर मिलेंगे कभी हम,
कुछ जानी पहचानी सी खुश्बु
झिलमिल सी यादों के साथ,
देखेंगे एक दूसरे को लेकिन नज़रें चुराये,
बैठेंगे कोई सुकून सी जगह में किसी बेंच पर,
करेंगे ढेरों बातें, कुछ प्यार की कुछ शिकायते,
ख़ुद से खुद में ही कई सारे सवाल ज़हन में आएंगे
और दिल कहेगा,पूछ लू क्या…?
आज तो वो खफ़ा भी नही होगा,
मेरी अटपटी बातों से…कह दु क्या दिल का
हाल सुना दुँ क्या… की ,याद तुम आते थे बहुत उस वक़्त…
जब, मैं दुनिया से बेख़बर किसी
पुरानी यादों में गुम हो जाती थी तब,
जब किसी अपने को पास महसूस करती
थी तब,
जब आसमान में बादल घिरते और देर तक
बारिश होती तब,
जब रात में चाँदनी मेरे छत पर आकर
मुस्कुराती तब,
जब गली में कोई शोर नही होता,सुनसान
राह से कोई रूह भटकती तब।
जब तुम्हारी जिस्म की खुश्बू मेरे
रूह को छूकर निकल जाती तब,
जब अंधेरा सताने लगती,जब तन्हाई
तड़पने लगती तब।
जब तुम मेरे अकेलेपन को छेड़ जाते तब
याद बहुत आती तुम्हारी।।
कह दुँ क्या ये सारी बात,क्या वो सुनेगा मेरी बात…
इस सवाल को समेटे अंदर ही अंदर कुछ
कमी महसूस करेंगे,
कुछ रब से शिकायत भी करेंगे…शायद
फिर..
याद करेंगे बीती बातों को,अनजाने
ख्यालातों को,
बहुत सी दफ़्न बातें,एक एक कर दिल के
तिज़ोरी से बाहर आएंगी
दिल भी धड़केगा,फिर से एक बार
लेकिन उस धड़कन में कोई बेक़रारी
नही रहेगी,
रहेगा तो इक अनजाना सा सुकून
रोयेंगे कभी किसी गहरी अफसोस में
देर तक नज़र चेहरे पर गड़ी रहेगी,
दिल एक ही बात दुरायेगा…
“काश ये वक़्त यही थम जाता
काश ये लम्हा यही सिमट जाता
काश ये दिन ढलता नहीं
काश जिंदगी का शाम यही हो जाता”
फ़िर एक अलविदा कह कर
दुबारा आंखों में आँसू लिए
आख़री सलाम कह कह
अपने अपने राह चले जायेंगे।।
क़दम भारी सा लगेगा,
आँखे बोझिल रहेगी,
लेकिन अब तो पूरी जिंदगी की सफ़र
तो ऐसे ही तय कर ली,दो दिन के लिए
क्या गिला शिकवा…
इस बार दुबारा मिलने की उम्मीद भी नही
रहेगी..लेकिन उदास चेहरे पर इक हल्की सी मुस्कान और दिल मे शुकुन रहेगा।।
#parveen