poem Archives - ThePeepTimes
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किसे पता था ये दुनिया यूंही बदल जायेगी जो कल तक एक रूपये का मोल था आज दस भी ना चुका पाएगी ये महंगाई...
फूल पुकारो मुझे, मैं रंगों से सजी! गुलाब पुकारो मुझे, मैं काटों में पली! कमल पुकारो मुझे, मैं कीचड़ में ढली! चन्द्रकान्ति पुकारो मुझे,...
उम्र के किसी उस राह पर मिलेंगे कभी हम, कुछ जानी पहचानी सी खुश्बु झिलमिल सी यादों के साथ, देखेंगे एक दूसरे को लेकिन...
हमारे समाज में औरत, बहू, बेटी, बच्ची, लड़की, आप जो चाहे इन्हें नाम दें ये बड़ी मज़लूम और लावारिस मख़लूक है हमारे समाज में...
एक लड़की मरने पर मजबूर हुई जब ये दुनिया जाहिलों की बस्ती में सूर हुई फिर वो किसी हैवानियत में मख़मूर हुई किया उसने...
प्रीत लगी प्रीत लगी जग की रीत लगी मेरे तन को प्रेम की प्रीत लगी बहारो बहार खाली लगे बाज़ार चाँद अब सूरज हसीं...