किसे पता था ये दुनिया यूंही बदल जायेगी
जो कल तक एक रूपये का मोल था आज
दस भी ना चुका पाएगी
ये महंगाई पर एक व्यंग…जो आज के लिए
शर्मिंदगी का सबब बना हुआ है
इसके कई सारे कारण है,कुछ हद
तक हम भी इसके जिम्मेदार है
हम खुद चीज़ों का ना सही उपयोग करते
ना उसका बचाव करते…
बची कूची कसर ये भ्रष्टाचारी सरकार तो
कुछ अवैध धंधे पूरी कर देते है…
एक वक्त था की पैसे की कीमत का अंदाजा नहीं था,लोग जितना कमाते थे
उसमे से खर्च भी कर लेते थे और बचत भी,
तब महंगाई इतनी नहीं थी,लोग उस वक्त भी गरीब थे, उनका घर मिट्टी का था,
कोई वाहन नही था उनके पास,
दूर तक सफर वो पैदल करते थे,
लोग शिक्षित नहीं थे,ना जागरूक थे,
चीज़े सस्ती महंगी उस वक्त भी थी लेकिन
फिर भी महंगाई ने उन्हें इतना मजबूर
कभी नहीं किया जितना आज के दौर में कर दिया है, लोगो को सुसाइड करने
पर मजबूर…..
पहले लोग अधिकांश काम हाथो से
करते थे,मेहनत ज्यादा लगता था
और वक्त भी…
लेकिन आज मेहनत और वक्त दोनो
बचा लिए गए,फिर भी इंसान आज पहले
से ज्यादा परेशान और भूखा है…
खेतों में अन्न की उपज,कारखानों में
नए नए चीजों का उत्पादन, कृषि सम्बन्धी
नए नए टेक्नालॉजी, परिवहन,और शिक्षा
जो कल की अपेक्षा आज ज्यादा है
फिर भी लोग महंगाई की मार खा रहे है
लेकिन ये महंगाई यूंही बनी रही सरकार अगर इसका समाधान नहीं करती तो
ये भुखमरी तो लायेगा ही,और जब पेट
में अन्न के लिए पैसा नहीं होगा तो पढ़ाई
के लिए कोई क्या कोशिश करेगा,जिसके
फलस्वरूप अशिक्षिता फिर से बढ़ने लगेगी
और हर तरह से इस देश का नुकसान तय है
कई घरों में रोटियां नही मिल रही तो कहीं
चूल्हे नहीं जल रहे… इनका आय कम और
व्यय ज्यादा है,जिसके वजह से जरूरत
की चीज भी नहीं खरीद पा रहे लोग…
गरीब और मध्यम स्तर के लोगो को ऐसे
हालतों का सामना आय दिन करना पड़ रहा है
ये कृषि प्रधान देश होते हुए भी महंगाई ने सबसे ज्यादा किसानों की हालत को दयनीय बना दिया है
महंगाई की सबसे ज्यादा चोट इनपर पड़ी है
इक गरीब के शरीर का पूरा लहू पसीना
बन कर जिस्म से निकल जाता है,ये किसान
अपना पूरा वक्त पूरी जिंदगी इसी में बीता देता है,इतनी मेहनत कर ये अनाज उपजाता
और बदले में उस अनाज की पूरी कीमत भी
नहीं मिलती,उनसे सस्ते में अनाज लेकर
मार्केट में उसकी कीमत कई गुना कर देते
ये नहीं सोचते की यहां खरीदने वाले अमीर और गरीब सब है..
कैसे एक गरीब इतनी महंगाई में
भर पेट खाना खायेगा
अपनी जरुरत की चीज खरीदेगा
कैसे वो बच्चो को नए कपड़े देगा
कैसे अच्छी शिक्षा देगा
कैसे किसी बीमारी का इलाज करवाएगा
कैसे वो उजालों में रहेगा
कैसे वो बिजली के बिल का भुगतान करेगा
हर चीज दुगुने से भी ज्यादा कीमत में
बिक रही है
इधर पेट्रोल डीजल में जैसे
आग लगी हो
और इस आग में कितने घर जल गए
और जाने कितने जलेंगे
डीजल पेट्रोल की महंगाई के वजह से
लोग अपनी वाहन use नहीं कर रहे
इस महंगाई ने देश की पूरी अर्थव्यवस्था
को बाधित किया है
इस महंगाई ने लोगो को जुर्म की तरफ
प्रेरित किया है, इंसानियत को खत्म कर
दिया
अगर इसपर ध्यान नहीं दिया गया
इसे रोका नहीं गया तो एक ये बढ़ती
महंगाई विकराल रूप लेगी और मानवता
को प्रभावित तो किया है इसने,इसे पूरी
तरह से नष्ट भी कर देगी…
#Parveen