हमारे समाज में
औरत, बहू, बेटी, बच्ची, लड़की,
आप जो चाहे इन्हें नाम दें
ये बड़ी मज़लूम
और लावारिस मख़लूक है
हमारे समाज में
लड़की अभी पैदा हुई नहीं होती
बड़ी अभी हुई नहीं होती
के हमें इन सब बात की
फ़िक्र हो जाती के
उसके नसीब कैसे होंगे!
शादी कौन करेगा ?
रिश्ता कौन देगा ?
वो क्या पहनेगी ?
वो क्या ओढेगी ?
कहाँ जाएगी ?
कहाँ नहीं जाएगी ?
क्या करेगी ?
क्या नहीं करेगी ?
काम करेगी ?
या नहीं करेगी ?
किसका मैसेज देखेगी ?
किस से बात करनी है ?
किस से नहीं करनी है ?
नौकरी करनी है ?
या नहीं करनी ?
मोबाइल देना है कि नहीं ?
फेसबुक इंस्टाग्राम वाट्सऐप
use करे की नहीं
और ना जाने क्या क्या
ये तमाम फ़ैसले
हम करना शुरू कर देते हैं
भाई ,बाप, रिश्तेदार , समाज
की शक्ल में फ़िक्र के नाम पर
सिवा उसके या’नी लड़की के
इस फ़िक्र पर आप क्या सोचते हैं ?
इस फ़िक्र को आप क्या कहते हैं ?
सोचिए , लिखिए ,
समाज को जागरूक कीजिये
हम इस पर अगली पोस्ट में
आगे की बात लिखेंगे
अजनबी की क़लम से
#Ajnabi
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